संस्कृति मैरिज गार्डन बायपास रोड भिंड में गीता स्वाध्याय के अवसर पर ग्वालियर से पधारे हुए ब्रह्मदेव आर्य शास्त्री जी ने गीता स्वाध्याय की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि आज के युग में सभी व्यक्ति तनाव, अनिद्रा, गृह क्लेश, शारीरिक और मानसिक पीड़ाओं से व्यस्त हो रहे हैं। उन सबको नियंत्रण में लाने के लिए अपनी इंद्रियों और मन को संयमित करने के लिए गीता का स्वाध्याय बहुत आवश्यक है गीता के अनुसार आचरण करने से मनुष्य का जीवन शुद्ध हो जाता है और वह बुद्धि को सात्त्विक करके मन को नियंत्रण में करके जीवन को सफल बना सकता है। इसी क्रम में भिण्ड जिले के सपूत उपेन्द्र नाथ शर्मा जी पूर्व आईएएस ने कहा की गीता के ज्ञान के आधार से ही अपने धर्म का निश्चय करना चाहिए। गीता धर्म से आरंभ होकर मम पर समाप्त हुई अर्थात मेरा धर्म गीता के 700 श्लोकों में ही है। गीता में मानव धर्म का वर्णन है। गीता के अनुसार मानव को धर्म का आचरण करना चाहिए। समाजसेविका श्रीमती महिमा चौहान ने गीता स्वाध्याय मंडल के गठन और नियमित गीता स्वाध्याय की प्रेरणा दी तथा अगला स्वाध्याय अपने द्वारा राम जानकी मंदिर में रविवार को दोपहर 3:00 बजे से करने का संकल्प लिया उन्होंने गीता की गीता की अगवानी की। श्री विष्णु कुमार शर्मा जी ने गीता स्वाध्याय का संयोजन किया। श्री सुनील दुबे ने गीता के पढ़ने की आवश्यकता पर बल दिया और अधिक से अधिक लोगों को इसमें जुड़ने की प्रेरणा दी। ग्वालियर से आए हुए विश्वगीताप्रतिष्ठानम् के केन्द्रीय महामन्त्री डॉ विष्णु नारायण तिवारी ने मध्य प्रदेश शासन के साथ पूरे प्रदेश में गीता जयंती के आचरण पर बधाई दी। केंद्रीय मीडिया प्रमुख धर्मेंद्र सिंह जी ने गीता स्वाध्याय मंडलों के विस्तार की योजना बताई। श्री रघुराज दैपुरिया जी ने गीता के विभिन्न पहलुओं पर व्याख्यान दिया। कवि अंजुम मनोहर जी ने गीता के महत्व पर कविता सुनाई । श्रीमती ब्रज लता श्रीवास्तव ने गीता के अनुसार चलने के लिए 18 सूत्रों को बताया । कार्यक्रम की सम्पूर्ण व्यवस्था भिण्ड नगरपालिका उपाध्यक्ष श्री भानु भदौरिया के द्वारा की गई। इस गीता स्वाध्याय में 100 से अधिक सहभागी रहे। पुरुषों एवं महिलाओं के द्वारा पृथक-पृथक मंडल संचालित करने के लिए संकल्प लिया । उपस्थित सभी लोगों के घर प्रति सप्ताह गीता स्वाध्याय किया जाएगा। आचार्य रमेश कुमार पांडे स्मृति ग्रंथ गीतामृतम् गमय, गीतामृतगानम् एवं स्वाध्याय पुस्तिका भाग 2, गीता ओलंपियाड भाग 1 तथा भाग 2 एवं अन्य साहित्य भेंटकर सम्मानित किया। कार्यक्रम बहुत गरिमामय रहा। भिंड के सभी तहसीलों और गांव-गांव तक गीता स्वाध्याय मंडलों का गठन करने की योजना के संकल्प के साथ आज के गीता स्वाध्याय का समापन हुआ।
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