कुटुम्ब स्वाध्याय एवं गीता परिवार सम्मेलन की जानकारी

गीता जयंती सप्ताह के द्वितीय दिवस कुटुंब स्वाध्याय एवं गीता सम्मेलन के दिन कुटुंब स्वाध्याय करने वाले सभी कुटुंबी जन एक निश्चित स्थान पर निश्चित समय पर दो से चार घंटे तक एकत्रित होते हैं। परिवार के बच्चों तथा बड़ों के द्वारा गीता के गीतों तथा श्लोकों पर आधारित कुछ खेल, प्रश्नोत्तरी , अन्त्याक्षरी और प्रतियोगिताएं होती हैं। सब लोग अपने-अपने घर से भोजन बनाकर लाते हैं और एक साथ बैठकर भोजन मंत्र बोलने के बाद में खाते हैं। परिवार में आने वाली समस्याओं बच्चों तथा युवक युवतियों के मार्गदर्शन के लिए पहले प्रश्नोत्तरी की जाती है।सामूहिक आदर्श कुटुंब स्वाध्याय भी किया जाता है। फिर कोई एक दो वरिष्ठ व्यक्ति गीता के आधार पर संयुक्त परिवार का महत्व और परिवार में मिलजुल कर रहने की भावना पर संक्षिप्त व्याख्यान देते हैं। सभी लोग गीता स्वाध्याय परिवार कुटुंब के विस्तार के लिए कार्य करने का संकल्प लेते हैं और अपने घर चले जाते हैं यह कार्यक्रम दो से चार घंटे तक का होता है।

गीता जयंती सप्ताह के द्वितीय दिवस कुटुंब स्वाध्याय एवं गीता सम्मेलन के दिन कुटुंब स्वाध्याय करने वाले सभी कुटुंबी जन एक निश्चित स्थान पर निश्चित समय पर दो से चार घंटे तक एकत्रित होते हैं। परिवार के बच्चों तथा बड़ों के द्वारा गीता के गीतों तथा श्लोकों पर आधारित कुछ खेल, प्रश्नोत्तरी , अन्त्याक्षरी और प्रतियोगिताएं होती हैं। सब लोग अपने-अपने घर से भोजन बनाकर लाते हैं और एक साथ बैठकर भोजन मंत्र बोलने के बाद में खाते हैं। परिवार में आने वाली समस्याओं बच्चों तथा युवक युवतियों के मार्गदर्शन के लिए पहले प्रश्नोत्तरी की जाती है।सामूहिक आदर्श कुटुंब स्वाध्याय भी किया जाता है। फिर कोई एक दो वरिष्ठ व्यक्ति गीता के आधार पर संयुक्त परिवार का महत्व और परिवार में मिलजुल कर रहने की भावना पर संक्षिप्त व्याख्यान देते हैं। सभी लोग गीता स्वाध्याय परिवार कुटुंब के विस्तार के लिए कार्य करने का संकल्प लेते हैं और अपने घर चले जाते हैं यह कार्यक्रम दो से चार घंटे तक का होता है।