धर्म, अर्थ, यश और अखण्डश्री से परिपूर्ण अनन्त विभूषित दिव्यानन्द स्वरूप जीवन-दर्शन और अध्यात्म के परम सन्देश का नाम है - श्रीमद्भगवद्गीता। गीता वेदों, उपनिषदों और सनातन संस्कृति का सारभूत है। समस्त विश्व को “कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन” का पाठ पढ़ाने वाली श्रीमद्भगवद्गीता का विश्व साहित्य में आज भी सर्वाधिक महत्वपूर्ण स्थान है। गीता मानव का संविधान और विश्वबन्धुत्व के दैवी सन्देश के साथ-साथ विश्वचेतना तथा ज्ञान-विज्ञान का अमरकोश है।