Description:गीतामृतायैव समर्पिताय भाषाप्रचाराय जनबोधकाय रमेशपाण्डेय-सुभूषिताय, समर्पितेयं कृतिगानयुक्ता।। “त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये” इस भाव से परिपूर्ण यह गीतामृतगानम् एवं स्वाध्यायपुस्तिका – 2 महामनीषी गीताप्रेमी जीवन्मुक्त श्रद्धेय आचार्य रमेश कुमार पाण्डेय जी को समर्पित है। “तेरा तुझको अर्पण, क्या लागे मेरा।।”
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