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विश्वगीताप्रतिष्ठानम्

गीता और संस्कृत के प्रचार-प्रसार के प्रति समर्पित तपोनिष्ठ विद्वान् “आचार्य रमेश कुमार पाण्डेय जी” ने मूलरूप से विश्वगीताप्रतिष्ठानम् की परिकल्पना और विचारधारा के साथ सनातन-संस्कृति, देववाणी संस्कृत तथा श्रीमद्भगवद्गीता के कल्याणकारी सन्देश को जन-जन में स्थापित करने हेतु विश्वविश्रुत ज्ञान-विज्ञान गुरु, आचार्य सान्दीपनि की नगरी, गीतागायक जगद्गुरु योगेश्वर भगवान् श्रीकृष्ण की विद्यास्थली, गीता ज्ञान की आधार भूमि सान्दीपनि आश्रम उज्जैन में विक्रम संवत् 2054 सन् 1997 में श्रीकृष्णजन्माष्टमी के दिन विश्वगीताप्रतिष्ठानम् की स्थापना की। जिसकी विधिवत पंजीकृत स्थापना के इस पवित्र और महत्वपूर्ण कार्य में संरक्षक के रूप में अवन्तिका पीठाधीश्वर, व्याकरण-वेदान्ताचार्य स्वामी श्री रंगनाथाचार्य जी महाराज तथा अन्य गीताप्रेमियों का महत्वपूर्ण योगदान है।