विश्वगीताप्रतिष्ठानम् के कार्यक्रमों में प्रमुख है गीता स्वाध्याय। जिसके सुचारु संचालन हेतु गीतों तथा स्वाध्याय विषय वस्तु का संकलन इस गीतामृतगानम् एवं स्वाध्याय पुस्तिका-2 के रूप में आपके कर कमलों में है। गीतामृतगानम् एवं स्वाध्याय पुस्तिका-2 में अन्य साहित्यकारों की रचनाएं तथा संकलन भी हैं किन्तु अधिकतम रचनात्मक तथा संकलनात्मक संकल्पना विश्वगीताप्रतिष्ठानम् के संस्थापक आचार्य रमेश कुमार पाण्डेय जी की ही हैं। यद्यपि इस पुस्तिका के प्रथम भाग के मुद्रण के समय ही श्री पाण्डेय जी जीवन मुक्त हो गए हैं किंतु यश:शरीर से विश्वगीताप्रतिष्ठानम् जैसे अमर अश्वत्थ के रूप में समस्त मानव समाज, पर्यावरण, संस्कृत भाषा तथा भारतीय सनातन संस्कृति को अहर्निश प्राणवायु प्रदान कर रहे हैं।
गीतामृतायैव समर्पिताय भाषाप्रचाराय जनबोधकाय रमेशपाण्डेय-सुभूषिताय, समर्पितेयं कृतिगानयुक्ता।। “त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये” इस भाव से परिपूर्ण यह गीतामृतगानम् एवं स्वाध्यायपुस्तिका – 2 महामनीषी गीताप्रेमी जीवन्मुक्त श्रद्धेय आचार्य रमेश कुमार पाण्डेय जी को समर्पित है। “तेरा तुझको अर्पण, क्या लागे मेरा।।”
गीता संस्कृत + अंग्रेजी
गीता बड़ा फॉण्ट
गीता मूल पाठ
गीता संस्कृत सामान्य ज्ञान - द्वितीय भाग
श्रीकृष्ण अर्जुन का चित्र
गीता संस्कृत सामान्य ज्ञान - प्रथम भाग